Sukanya Samriddhi Yojana 2025: भारत सरकार द्वारा जनहित के लिए समय समय पर बंपर योजनाएं निकाली जाती है जिसमे बेटियों के लिए भी योजनाएं शुरु की जाती है ये योजना केंद्र सरकार द्वारा बेटियों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना को सुकन्या समृद्धि के नाम से जाना जाता है इस योजना की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ अभियान के अंतर्गत शुरुआत की गई है।
Sukanya Samriddhi Yojana में माता- पिता और अभिभावक अपनी बेटियों के नाम पर कभी भी Sukanya Samriddhi Account खुलवा कर योजना का लाभ उठा सकते हैं सुकन्या एक ऐसी योजना है जो एक लंबी अवधि के निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए तैयार की गई है। वर्तमान में आवेदकों को सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि निवेश योजना में 8.2% तक ब्याज दरें उपलब्ध कराई जा रही है।
यदि आप भी अपनी बेटियों के लिए एसएसवाई योजना में निवेश करके अधिक मात्रा में धनराशि का लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिए नजदीकी डाकघर में किसी भी समय जाकर खाता सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते हैं। ऐसी ही अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ी लेटेस्ट अपडेट के लिए आप हमारे WhatsApp चैनल या Telegram चैनल को अभी ज्वॉइन कर सकते है।
Sukanya Samriddhi Yojana 2025 Kya Hai
Sukanya Samriddhi Yojana में देश के कोई भी नागरिक अपनी 10 वर्ष से कम आयु की बेटियों के लिए पोस्ट ऑफिस में सुकन्या समृद्धि खाता ओपन करवा सकते हैं। नागरिक इस योजना में अधिकतम दो बेटियों के लिए खाता खुलवा कर निवेश कर सकते हैं और योजना का लाभ बड़े रिटर्न के तौर पर प्राप्ति कर सकते है। जुड़वा बेटियों के मामले में आप अधिकतम 3 बेटियों के लिए निवेश किया जा सकता हैं।
सुकन्या खाता खुलवाने के बाद निवेश की बात करें तो आप अपनी स्थिति अनुसार कम से कम 250 रूपये से निवेश शुरू कर सकते हैं और अधिकतम निवेश राशि के अंतर्गत आप 1.5 लाख रूपये तक निवेश कर सकते है। इस योजना में निवेश करने के बाद लाभार्थियों को योजना की परिपक्वता के बाद बड़ा रिटर्न उपलब्ध कराया जाता है, इस योजना में किसी भी परिवार के कोई भी इच्छुक माता पिता अपनी बेटियो का खाता खुलवा सकते है।
Sukanya Samriddhi Yojana 2025 में रिटर्न कब मिलेगा
SSY 2025 योजना की परिपक्वता अवधि बालिका की 21 वर्ष की आयु तक रखी गई है 21 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद रिटर्न राशि लोटा दी जाएगी। एक उदाहरण के तौर पर यदि आप वर्ष 2025 में योजना खाता खुलवा कर निवेश शुरू करते हैं तो आपको 2046 में योजना की पूर्ण परिपक्वता के बाद रिटर्न दिया जाएगा।
Sukanya Samriddhi Yojana में खाता खुलवाने के बाद 15 साल तक निवेश करना होगा, इसके बाद 6 साल तक का योजना लॉक-इन पीरियड लागू किया जाएगा। बाकी 6 साल में आपको सुकन्या समृद्धि खाता जमा राशि पर ब्याज मिलता रहेगा, इस योजना में आपको कंपाउंडिंग का लाभ भी मिलता है।
Sukanya Samriddhi Yojana 2025 में निवेश पर कितना मिलेगा रिटर्न
यदि आप अपनी बेटियों के लिए सुकन्या समृद्धि योजना 2025 अकाउंट खुलवाते है और हर महीने उसमे 2,000 रूपये सुकन्या समृद्धि निवेश के अंतर्गत जमा करते है तो आपके निवेश अकाउंट में 1 साल के भीतर 24000 रूपये का निवेश पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही यह यदि आप 15 साल तक लगातार निवेश करते हैं तो आपके सुकन्या समृद्धि अकाउंट में 360000 रुपए राशि जमा हो जाति हैं।
सुकन्या जमा राशि पर निवेशक को 8.2% ब्याज दरों का लाभ दिया जाता है इस तरह से सुकन्या समृद्धि योजना ब्याज दरों की गणना के आधार पर 21 साल की परिपक्वता के बाद आपको कुल 11,08,412 रूपये का लाभ रिटर्न के रूप में लौटाया जाता है, कुल लाभ राशि में से केवल ब्याज ब्याज के तहत आपको 7,48,412 रूपये का लाभ मिलता है।
Sukanya Samriddhi Yojana 2025 के अंतर्गत टैक्स में छूट
Sukanya Samriddhi Yojana 2025 को पूरी तरह से टैक्स फ्री बनाया गया है। इस योजना के अंतर्गत आपको मिलने वाली लाभ राशि पर किसी प्रकार का टैक्स भुगतान करने की आवश्कता नही है। इस योजना में लाभार्थियों को तीन अलग-अलग स्तरों पर टैक्स छूट का लाभ दिया जाता है।
पहला, आयकर अधिनियम की धारा 80C के तहत सालाना 1.50 लाख रुपए तक के निवेश पर छूट मिलती है, दूसरा, इससे मिलने वाले रिटर्न पर किसी भी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाता है वहीं तीसरा, मैच्योरिटी पर मिलने वाली सुकन्या समृद्धि खाता योजना लाभ राशि बिल्कुल टैक्स फ्री रखी गई है।
Sukanya Samriddhi Yojana 2025 में समय से पहले निकासी
अभिभावक अपनी बेटी 18 वर्ष की उम्र पर उसकी शादी अथवा शिक्षा में खर्च करने के लिए मैच्योरिटी समय 21 वर्ष से पहले ही लगभग 50% जमा राशि निकाल सकते हैं। इसके अतिरिक्त, अभिभावकों को बेटी के लिए किसी अन्य कारणो से और पैसे की आवश्कता होती है।
तब भी विशेष परिस्थितियों में मैच्योरिटी से पहले पैसे निकाले जा सकते हैं विशेष परिस्थितियों में खाताधारक के साथ हादसा, अभिभावक की मृत्यु, खाताधारक को गंभीर बीमारी या खाता जारी न रखने की इच्छा इत्यादि शामिल है।