उत्तराखंड सरकार ने राज्य में बेटियों के प्रति भेदभाव को समाप्त करने और उनके सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए Uttarakhand Mahalaxmi Yojana शुरू की है। इस योजना के तहत, सरकार नवजात बेटियों और उनकी माताओं को समर्थन देने के उद्देश्य से एक सुरक्षा किट प्रदान करेगी, जो उनके स्वास्थ्य और कल्याण को सुनिश्चित करेगी। इससे पहले भी सरकार ने गौरा देवी कन्या धन योजना के माध्यम से बेटियों के हित में कदम उठाए थे, और अब इस नई योजना के जरिए यह प्रयास और भी सशक्त किया जा रहा है।
इस योजना की घोषणा सबसे पहले उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा की गई थी, लेकिन कुछ कारणों से इसे उस समय लागू नहीं किया जा सका। इसके बाद, 17 जुलाई 2021 को उत्तराखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कैम्प कार्यालय में, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य और अन्य गणमान्य नेताओं की उपस्थिति में इस योजना का विधिवत शुभारंभ किया।
महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्रालय के अनुसार, जब भी किसी परिवार में बेटी का जन्म होगा, तो उन्हें मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना के अंतर्गत एक विशेष किट प्रदान की जाएगी। इस किट में माँ और बेटी के लिए ज़रूरी सामग्री रखी जाएगी, जिसका मूल्य लगभग ₹3000 होगा।
Uttarakhand Mahalaxmi Yojana: Overview
योजना का नाम | Uttarakhand Mahalaxmi Yojana |
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योजना की शुरुआत | मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा, 17 जुलाई 2021 को |
उद्देश्य | बेटियों के जन्म को प्रोत्साहन देना और मां एवं नवजात के स्वास्थ्य का ध्यान रखना |
लाभार्थी | उत्तराखंड की नवजात बेटियां और उनकी माताएं |
किट में सामग्री | मां के लिए – बादाम, छुहारा, अखरोट, सूट, स्कार्फ, बेडशीट, साड़ी, हैंड शॉप, सैनिटरी नेपकिन आदि |
नवजात के लिए – सूती कपड़े, लंगोट, बेबी क्रीम, तेल, साबुन, तौलिया, टीकाकरण कार्ड आदि | |
किट की अनुमानित कीमत | ₹3000 |
पात्रता | उत्तराखंड निवासी महिलाएं, जिनकी पारिवारिक आय ₹6000 प्रति माह से कम हो, पहले दो शिशुओं के लिए लागू |
आवेदन प्रक्रिया | आंगनबाड़ी केंद्र पर जाकर आवेदन पत्र जमा करना |
प्रबंधन विभाग | महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग |
लक्ष्य | इसका लक्ष्य राज्य की 50,000 से अधिक महिलाओं तक इसका लाभ पूछना |
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Uttarakhand Mahalaxmi Yojana का उद्देश्य
आज भी समाज में बेटियों के प्रति भेदभाव की मानसिकता बनी हुई है, जिसके कारण कई जगहों पर गर्भ में ही कन्या भ्रूण को समाप्त कर दिया जाता है। इस तरह की सोच उत्तराखंड समेत कई राज्यों में व्याप्त है। इसे खत्म करने और बेटियों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने इस योजना को राज्य में लागू किया है।
सरकार का मकसद है कि बेटियों के प्रति लोगों की सोच में बदलाव लाया जा सके। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए, योजना के पहले चरण में राज्य के सभी जिलों से करीब 16,926 महिलाओं को शामिल किया गया और जिलाधिकारियों के माध्यम से उन्हें महालक्ष्मी किट प्रदान की गई। इसके साथ ही, सरकार ने इस वर्ष 50,000 से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
Uttarakhand Mahalaxmi Yojana की राशि और सामग्री
प्रसव के बाद, उत्तराखंड महालक्ष्मी योजना के अंतर्गत महिला लाभार्थियों और उनकी नवजात बेटियों की देखभाल के लिए विशेष किट प्रदान की जाती है। इस किट की सामग्री की कुल कीमत लगभग ₹3000 होती है। नीचे आप देख सकते हैं कि इस योजना के तहत महिलाओं और उनकी बेटियों को क्या-क्या सामग्री उपलब्ध करवाई जाती है:
मां के लिए महालक्ष्मी योजना किट में शामिल सामग्री
- बादाम
- छुहारे
- अखरोट की गिरी
- सूखी कुमाऊनी फलियाँ
- सूट और स्कार्फ
- बेडशीट
- नेलकटर
- हैंड शॉप
- सैनिटरी नेपकिन
- साड़ी
- गर्म सूट
नवजात बेटी के लिए महालक्ष्मी योजना किट में शामिल सामग्री
- सूती कपड़े
- लंगोट
- रबड़ शीट
- बेबी जॉनसन तेल
- बेबी जॉनसन पाउडर
- बेबी जॉनसन क्रीम
- साबुन
- तौलिया
- कंबल
- टीकाकरण कार्ड
- स्तनपान पोषाहार कार्ड
इस योजना का उद्देश्य मां और बच्ची की स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करना है, जिससे वे स्वस्थ और सुरक्षित रहें।
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Uttarakhand Mahalaxmi Yojana: Eligibility
योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता:
- यह योजना केवल उत्तराखंड राज्य की स्थाई निवासी महिलाओं के लिए है।
- लाभ केवल उन महिलाओं को मिलेगा जिन्होंने हाल ही में शिशु को जन्म दिया है।
- आवेदक को शिशु के जन्म के छह महीने के भीतर आवेदन करना होगा।
- योजना का लाभ केवल पहले दो शिशुओं के जन्म पर ही मिलेगा।
- लाभ लेने वाली महिला की पारिवार की मासिक आय 6,000 रुपये प्रति माह से अधिक नहीं होनी चाहिए।
Uttarakhand Mahalaxmi Yojana: Required Documents
योजना का लाभ लेने के लिए जरुरी दस्तावेज़:
- उत्तराखंड का निवास प्रमाण पत्र।
- आधार कार्ड की कॉपी।
- परिवार की आय का प्रमाण पत्र।
- नवजात शिशु का जन्म प्रमाण पत्र।
- राशन कार्ड की प्रति।
- पासपोर्ट साइज फोटो।
- सक्रिय मोबाइल नंबर।
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Uttarakhand Mahalaxmi Yojana: आवेदन प्रक्रिया
योजना के तहत आवेदन करने के प्रक्रिया:
- सबसे पहले आपको अपने नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र पर जाएं।
- वहां जाकर योजना के लिए आवेदन फॉर्म प्राप्त करें।
- अब फॉर्म में सभी आवश्यक जानकारी ध्यानपूर्वक भरें।
- इसके बाद, जरूरी दस्तावेजों को आवेदन फॉर्म के साथ संलग्न करें।
- पूरा फॉर्म और दस्तावेजों को आंगनबाड़ी केंद्र पर जमा कराएं।
- आपकी फाइल को आशा कार्यकर्ता द्वारा संबंधित विभाग तक पहुंचाया जाएगा।
- महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी आपके आवेदन और दस्तावेजों की जांच करेंगे।
- पात्र महिलाओं की सूची तैयार की जाएगी और उन्हें योजना के तहत महालक्ष्मी किट का लाभ प्रदान किया जाएगा।
बेटियों को प्रोत्साहित करना है अहम
उत्तराखंड महालक्ष्मी योजना की शुरुआत करते हुए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि प्रकृति और संविधान दोनों ने लड़के और लड़की को समान अधिकार दिए हैं। इसके बावजूद, समाज में लड़कियों को अक्सर लड़कों के मुकाबले पीछे रखा जाता है।
इस भेदभावपूर्ण सोच को बदलने और बेटियों को प्रोत्साहित करने के लिए यह योजना शुरू की गई है। इस योजना से लाभार्थियों को निश्चित रूप से फायदा मिलता रहेगा और बेटियों का सशक्तिकरण होगा।
मुख्यमंत्री कवच किट योजना से महालक्ष्मी योजना तक का सफर
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 9 अप्रैल को प्रदेश की बेटियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री कवच किट योजना’ की मंजूरी दी थी। लेकिन चूंकि बेटियों को लक्ष्मी का रूप माना जाता है, इसलिए इस योजना का नाम बदलकर ‘मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना’ रखा गया, और इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया।